आज छोड़ दिया उस बेटी ने घर
जो पापा की परी थी
मम्मी की जान थी
भाई की चुगलखोर बहन थी
आज छोड़ अपना घर
किसी और के घर चली है
बियाह कर किसी और
के घर को स्वर्ग बनाने चली हैं
विदाई का समय भी आ गया
खुद को संभाला था ।
क्योंकी पापा की हिम्मती बेटी है वो..।
विदाई में आँसुओ की झरि भी लग गई
भाई के आँसू देख उस को चिढा़ रही थी
माँ के आँसू पोछ उस की समझा रही थी
आज उस बेटी की हिम्मत भी टूट गई
पापा के आँसू देख आज वो बेटी भी रो दी
आँसुओ को देख पापा के गले लग रो दी
आज पापा की परी
पापा की हिम्मती बेटी ने भी अपनी हिम्मत खो दी।
Vasundhara_vatham